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रविवार, 6 जुलाई 2014

बाल अविराम

अविराम  ब्लॉग संकलन :  वर्ष  : 3,   अंक  : 09-10, मई-जून 2014


।। बाल अविराम ।।


सामग्री :  इस अंक में पढ़िए-  पुष्पा  मेहरा की दो बाल कविताएँ बाल चित्रकार आरुषि ऐरन व सक्षम गम्भीर की पेंटिंग्स के साथ। 



पुष्पा मेहरा




दो बाल कविताएँ 

होली              

होली आई-होली आई
मन हरसाती होली आई
लाल गुलाल उड़ाती आई
रंग-रंगीली होली आई।
पेंटिंग : आरुषि ऐरन 

पिचकारी में रंग भर लाई
छैल-छबीली होली आई
रंगों की बौछार है लाई
प्रेम के गीत सुनाती आई।

पकवानों की धूम मचाती
गुझियों की भरमार है लाई
ऊँच-नीच का भेद मिटाती
सब को गले लगाने आई।

मैल मनों का धोने आई
मन से मन को मिलाने आई
सत की याद दिलाने आई
घर-घर में ख़ुशियां है लाई।

होली आई होली आई
रंग-बिरंगी होली आई।


तितली              
रंग-बिरंगे पंखों वाली 
नाज़ुक-नाज़ुक पंखों वाली
फूल-फूल पर उड़ने वाली
देखो-देखो तितली आई।

पेंटिंग : सक्षम गम्भीर 
फूलों का रस छक कर पीती
भेद-भाव से दूर है रहती
हम बच्चों के मन को भाती
हाथ कभी न वह आ पाती।

क्यारी-क्यारी उड़ती-फिरती
ख़ुशबू उसका मन हर लेती
शोर कभी भी वह न करती
सद हवा से बातें करती।

  • बी-201, सूरजमल विहार, दिल्ली-110092 // फ़ोन : 011 22166598

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